शुक्रवार, 22 मार्च 2013

सतरंगी ज़िन्दगी

कई रंग हैं ज़िन्दगी के
कुछ रंग बेगाने से
कुछ के रंग हैं अपने से
कुछ तो बिलकुल अंजाने से
कुछ कुछ जाने पहचाने से
कुछ रंग जीवन से रंगीन
कुछ काले एकदम ग़मगीन
कुछ ख़ुमारी से भरपूर
कुछ यूँ हीं बेकदर बेनूर
कई रंग हैं ज़िन्दगी के.

कुछ मधुर मुस्कान की तरह
कुछ अल्हड़ अंजानी पहचान की तरह
कुछ गुलमोहर के पुष्प की तरह
कुछ खुश्क उस धूप की तरह
कुछ बच्चों की किलकारी की तरह
कुछ सतरंगी पिचकारी की तरह
कई रंग हैं ज़िन्दगी के.


कुछ तपती दोपहरी शीतल झुरमुट की तरह
कुछ अलसाई अल्हड़ बाला की तरह
कई रंग हैं ज़िन्दगी के.


फसल को जीवन देती बारिश की बूंदों की तरह
जीवन भरते उन सफ़ेद धुन्धों की तरह
कई रंग हैं ज़िन्दगी के

कुछ तुम्हारी निर्मल मुस्कान की तरह
कुछ तेरे रूप में मिले वरदान की तरह
कई रंग हैं ज़िन्दगी के.

- अमितेश

रविवार, 17 मार्च 2013

लम्हें

जीवन के अविरल लम्हों में
कुछ ग़म मिले और कुछ खुशियाँ
कुछ  बोझिल पल और कुछ अच्छे
हर लम्हों में जीये हैं कई लम्हे
कुछ हंसी ख़ुशी कुछ अश्कों में धुले
जीवन के अविरल लम्हों में
कुछ ग़म मिले और कुछ खुशियाँ

कुछ राह पथरीली मिली मुझे
कुछ राह पथरीली मैंने चुने
कुछ राहें फूलों से लदे भरे
कुछ राह बड़े ही रूमानी
कुछ पाँव में छाले देते रहे
कुछ मन में खुशियाँ छलकाते से
पर हर पल मैं चलता रहा
कुछ ग़म कुछ खुशियाँ दिल में रखे हुये.
जीवन के अविरल लम्हों में
कुछ ग़म मिले और कुछ खुशियाँ

कुछ दिल में दर्द का सैलाब दिए
कुछ नदियों सी निर्मल कलकल
पर जीवन हर पल चलता रहा
उन हठीली वक़्त से रूबरू हुए
कुछ ने अभिमान को ललकारा
कुछ ने ग़र्व को गौरवान्वित किया
जीवन के अविरल लम्हों में
कुछ ग़म मिले और कुछ खुशियाँ

कुछ वक़्त सिखाया पाठ नए
कुछ यूँ ही अनकहे निकल गए
कुछ ने समझाया रिश्तों को
कुछ मासूम बने ही बिसर गए
जीवन के अविरल लम्हों में
कुछ ग़म मिले और कुछ खुशियाँ

-अमितेश

रविवार, 10 मार्च 2013

पल

पल
तेरे साथ के रूहानी पल
हमारी खुशियों को परवाज़ देते पल
हमारे सपनों को आकाश देते पल
पल
तेरे साथ के रूहानी पल

मद्धिम लम्हों में जब
ह्रदय हिचकोले खाता है
जब कोई साथी नज़र नहीं आता है
तुमने बातों से बहलाया था
मुझको मुझसे ही मिलवाया था
उस पल में मैं सब भूल गया
अपने दुःख और विषाद अपने

पल
तेरे साथ के पल
बीते ना कभी आजन्म ये
तेरे साथ के रूहानी पल.

-अमितेश