शनिवार, 6 दिसंबर 2025

शराबी

कहती है दुनियां शराबी मुझको 

पर जब तेरी याद सताती मैं बस तब पीता

जो वक़्त गुजारे साथ थे हम 

वो याद जो आती, मैं बस तब पीता 

जो गम के बादल छा जाते हैं 

उनसे भाग हो जाना, मैं बस तब पीता 

जब कुछ खुशियां झोली भर जाती हैं 

उनको मनाना हो, तो बस तब पीता 

जब यार जो मिल जाएं गुजरे दिन के 

उनका साथ निभाने को बस पीता 

जो बैठे बैठे अकेलापन सताए 

उनसे पार हो पाना तो बस तब पीता 

कहती है दुनियां शराबी मुझे 

बस कुछ खास हो मौके तभी पीता। 


- अमितेश  

मुझमें मैं कुछ बाकी है

कई सफर किये हैं अब तक मैंने 
कई राहें अब तक नापी है 
कुछ सफलताओं के किस्से लिखे 
कुछ असफलताएं मैंने पायी है
पर फिर भी मुझमें अब भी 
मेरा मैं कुछ बाकी है। 

कई ज़ख्म मेरे दिल पे लगे
कई सुन्दर यादें बनाई है 
कुछ बातों ने गहरे मारा 
कुछ मुस्कानों ने जीवन भरे 
पर इन बातों के दरमियां भी 
मेरा कुछ मैं अभी बाकी है। 

कुछ दिन बेहाली में गुजरे 
कुछ अच्छे पल मैंने भी बिताए हैं 
कुछ दिन जेबें थीं खाली सी 
कुछ दिन दिल भरे रहे मेरे 
पर इन खट्टे मीठे अनुभवों में भी 
मेरे मन का मैं अभी बाकी है। 

कई आलोचनाएं मुझको मिले 
कई बार मुझे समझा सा गया 
कई बार विभेद हुआ मेरा 
कई राय मेरे लिए अच्छे से बने 
पर इन दुविधाओं में भी 
मेरे अंदर का मैं अभी बाकी है। 

कुछ लोग मुझे अपने से मिले 
कुछ लोगों ने भितराघात किया 
कुछ पराए  भी अपने से लगे 
कुछ अपने पराए बन से गए 
इन रिश्तों के जंजालों में भी 
मुझमे मेरा मैं अभी बाकी है। 

कई बार समय ने ख़त्म किया 
कई बार वक़्त ने सम्हाला मुझको 
कई बार वीरानी दुनिया हुई 
कई बार जहां आबाद रही 
इन जीवन की आपाधापी में भी 
मैं ख़त्म अभी भी नहीं हुआ। 

मेरी सांसें अभी मुखर ही है 
मैं रहूंगा हमेशा अनंत तलक 
अपने आत्मविश्वास को समेटे हुए 
मैं प्रयास अनवरत करता रहूँगा 
जब भी सब कुछ खत्म सा होगा 
मेरा मैं फिर भी बाकी होगा 
मुझमे मेरा मैं बाकी होगा। 

- अमितेश 

शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025

साथ

तुम साथ जो मेरे आ जाते 
तो अच्छा होता 
तुम साथ मेरा निभा जाते 
तो अच्छा होता। 

तुमसे मिलना तेरा हो जाना 
मेरी नियति थी 
तुमने मुझे ना अपनाया 
तेरी नियति थी 
कुछ पल और साथ निभा जाते 
तो अच्छा होता।  

तुम साथ जो मेरे आ जाते 
तो अच्छा होता। 

तेरी मुस्कान में रूमानी सुबह मैंने देखी थी 
तेरी आँखों का काजल 
मेरी जीवन रेखा थी 
उन्हें मेरी लक्ष्मण रेखा बना जाते 
तो अच्छा होता। 

तुम साथ जो मेरे आ जाते 
तो अच्छा होता। 

तेरी आगोश में जीना मेरी चाहत थी 
हर जनम में तेरा होना मेरी हसरत थी 
तेरी सांसें मेरी सांसों में भर जाती 
तो अच्छा होता। 

तुम साथ जो मेरे आ जाते 
तो अच्छा होता। 

एक साथ ना जीवन जी पाए 
कोई रश्क़ नहीं 
जो मेरी मौत मुकम्मल दे जाते 
तो अच्छा होता। 

तुम साथ जो मेरे आ जाते 
तो अच्छा होता। 


- अमितेश