कहती है दुनियां शराबी मुझको
पर जब तेरी याद सताती मैं बस तब पीता
जो वक़्त गुजारे साथ थे हम
वो याद जो आती, मैं बस तब पीता
जो गम के बादल छा जाते हैं
उनसे भाग हो जाना, मैं बस तब पीता
जब कुछ खुशियां झोली भर जाती हैं
उनको मनाना हो, तो बस तब पीता
जब यार जो मिल जाएं गुजरे दिन के
उनका साथ निभाने को बस पीता
जो बैठे बैठे अकेलापन सताए
उनसे पार हो पाना तो बस तब पीता
कहती है दुनियां शराबी मुझे
बस कुछ खास हो मौके तभी पीता।
- अमितेश
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