शनिवार, 6 दिसंबर 2025

शराबी

कहती है दुनियां शराबी मुझको 

पर जब तेरी याद सताती मैं बस तब पीता

जो वक़्त गुजारे साथ थे हम 

वो याद जो आती, मैं बस तब पीता 

जो गम के बादल छा जाते हैं 

उनसे भाग हो जाना, मैं बस तब पीता 

जब कुछ खुशियां झोली भर जाती हैं 

उनको मनाना हो, तो बस तब पीता 

जब यार जो मिल जाएं गुजरे दिन के 

उनका साथ निभाने को बस पीता 

जो बैठे बैठे अकेलापन सताए 

उनसे पार हो पाना तो बस तब पीता 

कहती है दुनियां शराबी मुझे 

बस कुछ खास हो मौके तभी पीता। 


- अमितेश  

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