रविवार, 14 अगस्त 2016

एक छोटी सी कविता

कुछ बिखरे से अल्फ़ाज़
कोरे सादे डायरी के पन्ने
अधूरी सी ज़िन्दगानी
कुछ अधूरी लिखी कहानी
थोड़े रूमानी ग़ज़ल
कुछ अपरिपक्व कविताएं
कभी नम आँखें
कभी गर्वान्वित सीना
कुछ खाली हाथ
कभी भरे भरे से जज़्बात
कुछ सुहाने सपने
कुछ अनजाने अपने
बस इतनी से है मेरी ज़िन्दगानी
बस इतनी सी है ज़िंन्दगी की कहानी



-अमितेश 

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